आर्थिक अपराध के आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगे: संसदीय समिति का प्रस्ताव- इन्हें जेल में रेप-मर्डर के अपराधियों के साथ नहीं रखें

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नई दिल्ली6 मिनट पहले

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संसदीय समिति का मानना है कि हथकड़ी को कुछ खास तरह के जघन्य अपराधियों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि वे भागें नहीं और गिरफ्तारी के दौरान पुलिस अफसर सुरक्षित रहें। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

संसदीय समिति का मानना है कि हथकड़ी को कुछ खास तरह के जघन्य अपराधियों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि वे भागें नहीं और गिरफ्तारी के दौरान पुलिस अफसर सुरक्षित रहें। (फाइल फोटो)

गृह मामलों की संसदीय स्थाई समिति ने प्रस्ताव रखा है कि आर्थिक अपराध (economic offenders) के आरोपियों को हथकड़ी ना लगाई जाए। साथ ही इन आरोपियों को जेल में जघन्य अपराधियों (रेप-मर्डर करने वाले) के साथ ना रखा जाए।

गृह मामलों की इस संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृज लाल हैं। समिति ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में आरोपी के पुलिस कस्टडी में पहले 15 दिन रहने के दौरान कुछ बदलावों की सिफारिश की है।

लोकसभा में 11 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS-2023), भारतीय न्याय संहिता (BNS-2023) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA-2023) इन तीन बिलों को पेश किया था। ये तीनों बिल कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर एक्ट (CrPC) 1898, इंडियन पीनल कोड (IPC) 1860 और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 का स्थान लेंगे।

इकोनॉमिक ऑफेंडर्स को हथकड़ी क्यों ना लगाई जाए?
संसदीय समिति का मानना है कि हथकड़ी को कुछ खास तरह के जघन्य अपराधियों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि वे भागें नहीं और गिरफ्तारी के दौरान पुलिस अफसर सुरक्षित रहें।

समिति को ये भी लगता है कि आर्थिक अपराधों के आरोपी जघन्य अपराधियों (Heinous Crimes) की कैटेगरी में नहीं आते। दलरअसल, आर्थिक अपराध में अपराधों की एक लंबी शृंखला शामिल है, जिसमें छोटे से लेकर गंभीर अपराध तक शामिल हैं। और इसलिए इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले सभी मामलों में हथकड़ी लगाना सही नहीं हो सकता।

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