केजरीवाल की ज्यूडिशियल कस्टडी का आखिरी दिन: राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी पेशी; सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी याचिका पर सुनवाई

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नई दिल्ली31 मिनट पहले

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अरविंद केजरीवाल ने 1 अप्रैल को कोर्ट में पेशी से पहले मीडिया से कहा था- ये जो कर रहे हैं, ये ठीक नहीं है। - Dainik Bhaskar

अरविंद केजरीवाल ने 1 अप्रैल को कोर्ट में पेशी से पहले मीडिया से कहा था- ये जो कर रहे हैं, ये ठीक नहीं है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत सोमवार (15 अप्रैल) को खत्म हो रही है। वे 15 दिन से दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। ED उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करेगी।

केजरीवाल ने ED की गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाले दिल्ली HC के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका लगाई थी। उस पर आज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी।

केजरीवाल की ED रिमांड पर 1 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसके बाद उन्हें 15 दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया गया था। उन्हें यहां 2 नंबर बैरक में रखा गया था।

9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा था- अरेस्ट सही, ED ने पर्याप्त सबूत दिए
दरअसल, केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केजरीवाल बार-बार समन भेजने के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुए। इसलिए ED के पास उन्हें गिरफ्तार करने का ही विकल्प बचा था। ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए शराब घोटाले का पैसा भेजा गया था।

केजरीवाल ने कहा था कि ED के पास पिछले 9 महीने से ऐसे बयान थे। इसके बावजूद उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी और रिमांड की जांच कानून के हिसाब से होगी ना कि चुनाव की टाइमिंग को देखकर।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने मामले पर तुरंत सुनवाई और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद मेरी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी।

ED ने मुझे गिरफ्तार करके अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। गिरफ्तारी के आधार ऐसे दस्तावेज हैं, जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

केजरीवाल 21 मार्च को अरेस्ट हुए, 15 दिन से तिहाड़ में बंद
ED ने शराब नीति केस में दिल्ली सीएम को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।

केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। इसी महीने 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। तिहाड़ में छह महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे।

ED ने 21 मार्च को सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।

ED ने 21 मार्च को सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।

केजरीवाल के पीए बिभव कुमार बर्खास्त
11 अप्रैल को केजरीवाल के PA बिभव कुमार को दिल्ली विजिलेंस डायरेक्टरेट ने बर्खास्त कर दिया था। विशेष सचिव, सतर्कता वाईवीवीजे राजशेखर ने 10 अप्रैल को पारित एक आदेश में बिभव कुमार के खिलाफ लंबित 2007 के मामले का हवाला दिया, जिसमें उन पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप था।

आदेश के मुताबिक 2007 में महेश पाल नाम के एक सरकारी कर्मचारी ने बिभव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसके काम में बाधा डाली और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। विजिलेंस ने आदेश में कहा कि बिभव कुमार के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।

आदेश में यह भी कहा गया कि वैरिफिकेशन में चूक से मंत्रियों, सांसदों के निजी स्टाफ में ऐसे व्यक्तियों की नियुक्ति हो सकती है, जो पात्र नहीं हैं। यह खतरनाक है, क्योंकि संवेदनशील जानकारी और डेटा तक भी ऐसे व्यक्तियों की पहुंच हो सकती है। पूरी खबर पढ़ें

दिल्ली के मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा: AAP भी छोड़ी, कहा- मुझे कहीं से ऑफर नहीं
दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने 10 अप्रैल को मंत्री पद और आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, ‘मुझे कहीं से भी ऑफर नहीं मिला हैं।’

उन्‍होंने कहा था कि मैं आज बहुत व्यथित हूं। राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा। आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था। आज ये पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है। मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है। इसलिए मैं मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं, क्योंकि मैं इन भ्रष्ट आचरणों में अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता हूं। पूरा खबर पढ़ें

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