गाजियाबाद-नोएडा में डॉग अटैक के रोजाना 400 केस: रिटायर्ड IAS को कुत्ते ने काटा; सड़कों पर सवा लाख आवारा कुत्ते

गाजियाबाद/नोएडा11 मिनट पहले

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गाजियाबाद-नोएडा यूपी के सबसे उभरते शहर हैं। लेकिन, अब ये डॉग अटैक की घटनाओं को लेकर सुर्खियों में हैं। यहां हर दिन तकरीबन 400 लोग डॉग अटैक के शिकार होते हैं। यही नहीं, इन शहरों में सड़कों पर 1.25 लाख से ज्यादा कुत्ते टहल रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा कुत्तों की तो नसबंदी भी नहीं हुई है।

हालिया घटनाओं की बात करें तो नोएडा में रिटायर्ड IAS सुबोध मेहता गुरुवार सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। तभी आवारा कुत्ते ने उन पर अटैक कर दिया। इसमें वह घायल हो गए। वहीं, गाजियाबाद में 14 साल के बच्चे की कुत्ते के काटने से मौत हो गई। यहां कुत्तों की वजह से केवल बच्चे ही परेशान नहीं हो रहे, बड़ी सोसाटियों में इन्हें पालने के शौक की वजह से लोगों के आपसी संबंध तक बिगड़ने लग गए हैं।

सबसे पहले गाजियाबाद की घटना पर एक नजर

4 सितंबर को शाहवेज ने पिता याकूब की गोद में एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया।

4 सितंबर को शाहवेज ने पिता याकूब की गोद में एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया।

गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र में चरण सिंह कॉलोनी है। यहां रहने वाले 14 साल के शाहवेज को करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोस में रहने वाले कुत्ते ने काट लिया। डर के चलते शाहवेज ने ये बात फैमिली को नहीं बताई। धीरे-धीरे रेबीज इन्फेक्शन पूरे शरीर में फैल गया। 1 सितंबर को शाहवेज को दिक्कत होनी शुरू हो गई।

फैमिली ने एम्स दिल्ली, GTB दिल्ली सहित मेरठ-गाजियाबाद के कई बड़े हॉस्पिटल में दिखाया। मगर, डॉक्टरों ने शाहवेज को लाइलाज घोषित कर दिया। आखिरकार 4 सितंबर को शाहवेज ने एम्बुलेंस में पिता याकूब की गोद में दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद सचेत हो गए हैं।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने भी इस घटना में गाजियाबाद के चिकित्सा अधिकारियों से जवाब तलब किया है। वहीं, डॉग मालिक फैमिली पर FIR दर्ज कर ली गई है।

चलिए अब दोनों शहरों की बात करते हैं..

1. गाजियाबाद- 8 महीने में 26 हजार को लगा एंटी रेबीज इंजेक्शन
गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों में रोजाना 200 के आसपास एंटी रेबीज इंजेक्शन लगते हैं। इसमें 80 फीसदी पीड़ित कुत्ता काटने की वजह से आते हैं। प्राइवेट अस्पतालों, मेडिकल स्टोरों से इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या अलग है। जिले के सरकारी अस्पताल MMG में 8 महीने में 26 हजार लोगों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए।

इस तस्वीर में अदीब अपनी मां की गोद में है। उसे गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में मंगलवार को कुत्ते ने काट लिया था।

इस तस्वीर में अदीब अपनी मां की गोद में है। उसे गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में मंगलवार को कुत्ते ने काट लिया था।

साढ़े 24 हजार कुत्तों की नसबंदी, फिर भी बढ़ रही संख्या
गाजियाबाद नगर निगम ने बताया- साल 2013 से कुत्तों की नसबंदी शुरू हुई, ताकि उनकी संख्या न बढ़ सके। पिछले 10 साल में नगर निगम 24580 कुत्तों की नसबंदी कर चुका है। जबकि आवारा कुत्तों की संख्या यहां 60 हजार से ज्यादा है। ये संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।

नोएडा: 50 हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते
नोएडा में 50 हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। नोएडा प्राधिकरण के NPR एप पर करीब 10 हजार पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। नोएडा प्राधिकरण ने दावा किया है कि अभी 40 से 45 हजार कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। इसके बाद भी कुत्तों की तादाद कम नहीं हो रही।

गाजियाबाद नगर निगम के अनुसार, साल 2013 से कुत्तों की नसबंदी शुरू हुई, ताकि उनकी संख्या न बढ़ सके। फिर भी गली-मोहल्लों में इनकी संख्या बढ़ती दिखाई देती है।

गाजियाबाद नगर निगम के अनुसार, साल 2013 से कुत्तों की नसबंदी शुरू हुई, ताकि उनकी संख्या न बढ़ सके। फिर भी गली-मोहल्लों में इनकी संख्या बढ़ती दिखाई देती है।

हर साल लगते हैं 40 हजार टीके
नोएडा अथॉरिटी ने कुत्ते पकड़ने के लिए दो एजेंसियां हायर की हैं। एजेंसियां दावा करती हैं कि हर महीने 1200 कुत्ते पकड़े जा रहे हैं। जिले के सरकारी अस्पताल में हर साल करीब 40 हजार एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए जाते हैं।

लखनऊ में एक साल में 1500 लोगों को कुत्ते ने काटा
लखनऊ में एक साल में करीब 1500 लोगों को कुत्तों ने काट लिया है। हालांकि, सरकारी विभागों के पास इसका कोई खास डेटा नहीं है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, शहर के अलग-अलग अस्पताल में करीब 5 से 6 लोग प्रतिदिन आते हैं।

यहां चौक, अकबरी गेट , कश्मीरी मोहल्ला, सआदतगंज के इलाकों में सर्वाधिक केस आते हैं। सोसाइटी की बात करें, तो जानकीपुरम स्थित सृष्टि अपार्टमेंट, गोमती नगर विस्तार के अपार्टमेंट में डॉग बाइट के मामले आते रहते हैं।

लखनऊ के लोग बोले– कोई सुनवाई नहीं
लखनऊ में एक साल के अंदर करीब 26 हजार कुत्तों की नसबंदी की गई। जानकीपुरम सृष्टि अपार्टमेंट में रहने वाले विवेक शर्मा का कहना है कि उनके यहां आए दिन आवंटियों को आवारा कुत्ते काटते हैं। इसको लेकर कई बार LDA और नगर निगम की तरफ से अभियान चलाने को कहा जाता है, लेकिन शिकायत के बाद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती है।

डॉग अटैक की गंभीर घटनाओं पर जिम्मेदारों का क्या कहना है…

नोएडा में डॉग पॉलिसी लागू, गाजियाबाद में बनेगा एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर
डॉग बाइट के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गाजियाबाद नगर निगम ने 5 करोड़ रुपए से एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस सेंटर को बनाने के लिए फिलहाल जमीन देखी जा रही है। यहां पर स्ट्रीट डॉग्स को रखा जा सकेगा।

वहीं, नोएडा में एक अप्रैल 2023 से नई डॉग पॉलिसी लागू हो चुकी है। इसमें डॉग पालने वालों के लिए एक गाइडलाइन जारी की गई है। इसके उल्लंघन पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

RWA के ठोस नियम लागू नहीं
लखनऊ में RWA की तरफ से ऐसा कोई ठोस नियम नहीं बनाया गया है। पिछले दिनों गोमती नगर विस्तार के यमुना अपार्टमेंट में लिफ्ट के अंदर कुत्तों को ले जाने पर रोक लगाने की बात हुई थी, लेकिन इसका विरोध हो गया। इसकी वजह से कोई नियम नहीं बना।