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श्रीनगर10 मिनट पहले
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गुलाम भट पहला आरोपी है, जिसे GPS ट्रैकर एंकलेट पहनाया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस जमानत पर रिहा आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए आरोपियों पर निगरानी रखने के लिए GPS एंकलेट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। कश्मीर पुलिस ऐसा करने वाली देश की पहली पुलिस फोर्स बन गई है।
वहीं, भारत में सबसे पहले GPS ट्रैकर पहनने वाला आरोपी, हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा एक ऑपरेटिव गुलाम मोहम्मद भट बन गया है। गुलाम 2007 के टेरर फंडिंग केस में आरोपी है।
GPS एंकलेट का सिस्टम कुछ ऐसा है, जिसमें इसे रिहा होने वाले शख्स के टखने में लॉक पहनाया जाएगा। इसके बाद उसके मूवमेंट की ट्रैकिंग पुलिस कंट्रोल रूम से की जाएगी।
इस एंकलेट से फायदा क्या होगा
इस तरह की एंकलेट का इस्तेमाल अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में जमानत, पैरोल और हाउस अरेस्ट (नजरबंद) आरोपी व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाता है। इससे जेलों में भीड़ कम होती है।
कौन है गुलाम भट, जिसे GPS ट्रैकर पहनाया गया
स्पेशल NIA कोर्ट जम्मू के आदेश के बाद पुलिस ने गुलाम भट को GPS ट्रैकर पहनाया। गुलाम भट, उधमपुर में कई धाराओं समेत UAPA केस में आरोपी है। उसने अपनी जमानत के लिए याचिका लगाई थी। गुलाम को टेरर फंडिंग के ढाई लाख रुपए ले जाते हुए पकड़ा गया था।
गुलाम, हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा है। आतंकी साजिश रचने के आरोप में NIA और दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट भी उसे दोषी ठहरा चुकी है और वह 12 साल की सजा काट चुका है।
जेल रिफॉर्म्स रिपोर्ट में सलाह दे चुका था मंत्रालय
इसी साल 24 अगस्त को मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की पार्लियामेंट्री कमेटी ने भी जेल सुधारों पर एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें उसने जमानत पर रिहा कैदियों के लिए कोस्ट इफेक्टिव ब्रेसलेट या एंकलेट ट्रैकर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी एक्सप्लोर करने का सुझाव दिया था।
कश्मीर को मिले नए DGP रश्मि रंजन स्वाइन
DGP दिलबाग सिंह और रश्मि रंजन स्वाइन ।
हाल ही में तीन दशकों से पुलिस में सेवाएं दे रहे और कश्मीर के मौजूदा DGP दिलबाग सिंह अक्टूबर में रिटायर हो गए। उनकी जगह 1991 बैच के IPS ऑफिसर रश्मि रंजन स्वाइन ने ली है।आधिकारिक जानकारी के मुताबिक DGP दिलबाग सिंह के कार्यकाल में सितंबर 2018 से अक्टूबर 2023 तक 950 आतंकी मारे गए।