दलितों के बीच राम मंदिर का जिक्र कम करेगी भाजपा: केंद्रीय योजनाओं पर रखेगी फोकस; चुनाव के लिए अलग-अलग वर्गों के हिसाब से बनाई रणनीति

नई दिल्ली2 घंटे पहले

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चुनाव अभियान के डिजाइन पर आखिरी मुहर लगाने के लिए शनिवार को भाजपा मुख्यालय में बैठक होगी। - Dainik Bhaskar

चुनाव अभियान के डिजाइन पर आखिरी मुहर लगाने के लिए शनिवार को भाजपा मुख्यालय में बैठक होगी।

लोकसभा चुनाव 2024 के अभियान का खाका तैयार कर रही भाजपा दलित समुदाय के बीच राम मंदिर से ज्यादा मोदी सरकार की योजनाओं पर फोकस रखेगी। चुनाव अभियान के डिजाइन पर आखिरी मुहर लगाने के लिए शनिवार को भाजपा मुख्यालय में बैठक होनी है। फिर रविवार, यानी 25 फरवरी से 100 दिन का जनसंपर्क अभियान शुरू होगा।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राम मंदिर बेशक 500 साल की सबसे बड़ी उपलब्धि है, लेकिन उपलब्धि का हर्ष तब और बढ़ जाता है जब लोग कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थी बनते हैं।मसलन उज्ज्वला, मुफ्त राशन, ​किसान निधि, आयुष्मान भारत योजना आदि। इसलिए चुनाव प्रचार के दौरान ऐसी केंद्रीय योजनाओं पर फोकस रहेगा।

वरिष्ठ नेता के मुताबिक, भाजपा चार राज्यों में सबसे ज्यादा फोकस करने वाली है। इनमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार औऱ तमिलनाडु शामिल हैं। इन राज्यों में लोकसभा की कुल 201 सीटें हैं।

इन चार राज्यों पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा

  1. उत्तर प्रदेश: दलित 20.5%
  2. प. बंगाल: दलित 10.7%
  3. बिहार: दलित 8.2%
  4. तमिलनाडु: दलित 7.2%

पार्टी ने माना- नारे काफी नहीं, फायदे समझाने होंगे
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता स्वीकार करते हैं कि स्लोगन और शानदार तस्वीरों से पार्टी का माहौल तो बन सकता है, पर वोट तभी मिलेगा जब लोगों के जीवन में सरकार की नीतियों की वजह से बदलाव आए। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को यह फीडबैक मिला है कि दलित, अति पिछड़ा वर्ग और आदिवासी समुदाय में काफी ज्यादा काम करने की जरूरत है।

लाभार्थियों की सूची तैयार, घर-घर पहुंचेंगे कार्यकर्ता
भाजपा ने प्रचार अभियान के लिए जो रूपरेखा तैयार की है, उसे कई भागों में बांटा गया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, प. बंगाल, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में दलित समुदाय के बीच कई चरणों में प्रचार होगा।

इसके लिए पन्ना प्रमुख की मदद से लाभार्थी परिवारों की सूची तैयार की गई है। भाजपा कार्यकर्ता इनके घर पहुंचकर यह समझाने की कोशिश करेंगे कि पिछले दस साल में मोदी सरकार की योजनाओं ने उनके दैनिक खर्च में किस हद तक मदद की है। देश की कुल आबादी में 16.6% दलित हैं।

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