निर्मला सीतारमण बोलीं- मेरे पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं: आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से लड़ने का ऑप्शन मिला था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया

नई दिल्ली2 मिनट पहले

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने जा रही है। एक टीवी चैनल टाइम्स नाउ समिट कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि पार्टी के अध्यक्ष ने उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था।

उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु की सीट से उन्हें पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने दस दिनों तक इस बारे में सोचने के बाद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।

वित्त मंत्री बोलीं- मेरे पास चुनाव के हिसाब से पैसा नहीं है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चुनाव में जिस तरीके से पैसे खर्च किए जाते हैं, उस हिसाब से मेरे पास पैसा नहीं है। मुझे इस बात को लेकर भी दिक्कत है कि चुनाव में समुदाय और धर्म जैसी चीजों को जीत तय करने का आधार बनाया जाता है। इसलिए मैंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और मेरे लिए यह खुशी की बात है कि पार्टी अध्यक्ष भी मेरे विचार से सहमत हो गए।

निर्मला ने पुरानी पेंशन और विकसित राष्ट्र पर भी बात की

  • पुरानी पेंशन: राज्यों को पुरानी पेंशन स्कीम के नाम पर वोटर को ललचाने का काम नहीं करना चाहिए। उ
  • राज्य और केंद्र साथ काम करें: देश के विकास के लिए केंद्र और राज्य को साथ मिलकर काम करना होगा, क्योंकि सुधार करना सिर्फ केंद्र का काम नहीं है। प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाना होगा और केंद्र और राज्य को कोई भी नीति लागू करने में कोई भेदभाव नहीं करना होगा।
  • विकसित राष्ट्र: इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश, इनोवेशन व समावेशी विकास के इन चार कारकों से ही देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है और सरकार इसे ध्यान में रखकर ही काम कर रही है। तभी वर्ष 2014-15 से लेकर आगामी वित्त वर्ष 2024-25 तक इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च में 433 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इंफ्रा पर खर्च करके सरकार निजी निवेश लाने में सफल हुई है। अपने तीसरे टर्म में भी सरकार अपने सुधार कार्यक्रमों के सिलसिला को जारी रखेगी।

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