नूंह4 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़।
हरियाणा में नूंह हिंसा के बाद मुस्लिमों के बायकॉट के वीडियो का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाईकोर्ट की महिला वकीलों के फोरम ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को लेटर भेजा है। जिसमें सोशल मीडिया पर चल रहे मुस्लिमों के बायकॉट के वीडियो और दूसरी सामग्री पर कार्रवाई की मांग की गई है।
101 महिला वकीलों के साइन वाले 3 पन्नों के पत्र में सुप्रीम कोर्ट के पुराने केसों के फैसलों का हवाला भी दिया है। उन्होंने नफरत भरे भाषण वाले वीडियो पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से 3 मांगे की हैं। जिनमें हरियाणा सरकार को इन्हें रोकने के लिए कदम उठाने, भाषण के वीडियो पर रोक लगाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
महिला वकीलों ने CJI को क्या लिखा
महिला वकीलों ने कहा कि नफरत भरे वीडियो हरियाणा की रैलियों में रिकॉर्ड किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच न करने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद आदेशों का उल्लंघन हो रहा है। इन्हें तुरंत ट्रैक कर पाबंदी लगानी चाहिए। ये भाषण नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं और डर का माहौल पैदा करते हैं। इनसे हिंसा का भी खतरा है। ये लोग हथियार लेकर सांप्रदायिक नारे भी लगा रहे हैं। इसके बावजूद इन वीडियो की कोई जांच या कार्रवाई नहीं हो रही। अगर इन्हें न रोका गया तो नफरत और हिंसा को रोकना संभव नहीं होगा।
वकीलों ने ये भी कहा कि इस तरह के वीडियो राज्य प्रशासन और पुलिस के फेलियर हैं। ये हेट स्पीच के दौरान और उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं कर सके।
हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया
महिला वकीलों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश का हवाला भी दिया है, जिसमें नूंह में डेमोलिशन की कार्रवाई पर रोक लगाई गई थी। इसमें हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि नूंह में सरकार विशेष समुदाय को टारगेट कर रही है। ऐसा लगता है कि सरकार बुलडोजर चलाकर जातीय संहार कर रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी और गृह सचिव से जवाब तलब किया था। ये भी सुओ मोटो था। हाईकोर्ट के ‘तेज और संवेदनशील दृष्टिकोण’ ने कानून में नागरिकों का विश्वास बनाने में काफी मदद की है।
पानीपत के गांव में लगा मुस्लिमों की नो एंट्री का बैनर।
हरियाणा में हुई मुस्लिमों के बहिष्कार से जुड़े मामले
1. नूंह हिंसा के बाद हिसार में रैली का एक वीडियो सामने आया। जिसमें खुलेआम दुकानदारों को चेतावनी दी गई कि वे मुस्लिमों को नौकरी पर न रखें। अगर किसी ने रखा है तो उन्हें बाहर निकालें। ऐसा न करने पर उन्हें गद्दार कहा जाएगा। हालांकि इस मामले में पुलिस ने आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया था।
2. हरियाणा के जींद, कैथल, सिरसा, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर समेत कुछ और जिलों की करीब 50 पंचायतों ने एक जैसे लेटर लिखे थे। जिसमें मुस्लिम फेरी वालों के गांव में घुसने पर रोक लगाने की बात कही गई थी। हालांकि बाद में ये लेटर वापस ले लिए गए।
3. पानीपत के नौहरा गांव में मुस्लिमों के बायकॉट का बैनर लगा दिया गया था। यही नहीं, गांव में रहने वाले कुछ मुस्लिम परिवारों को भी गांव छोड़कर जाने की चेतावनी दी गई।
ये 2 अगस्त को हिसार जिले के हांसी में हिंदू संगठनों की रैली है। जिसमें पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में ही दुकानदारों को चेतावनी दी जा रही है कि यदि उन्होंने अपने यहां किसी बाहरी मुसलमान को नौकरी पर रखा है तो उसे दो दिन में निकाल दिया जाए। ऐसा न करने पर दुकानों के बाहर पोस्टर लगाते हुए दुकानदारों का बहिष्कार किए जाने की बात भी ये लोग कहते हुए नजर आते हैं।
31 जुलाई को हुई थी नूंह हिंसा, 6 की मौत हुई
नूंह में 31 जुलाई को हिंदू संगठनों की ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा हुई। यहां सैकड़ों दंगाईयों ने यात्रा में आए लोगों की गाड़ियां तोड़ दी। उन्हें आग लगा दी। पहाड़ियों में छुपकर फायरिंग की गई। इस हिंसा में 2 होमगार्ड और 4 नागरिकों की मौत हुई। नूंह में हुई हिंसा के बाद पुलिस की तरफ से अभी तक 60 FIR दर्ज की जा चुकी है। जिसमें 242 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसा में शामिल आरोपियों की धर पकड़ के लिए 8 टीमें बनाई गई है।
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नूंह जेल में हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी को खतरा:कोर्ट ने फरीदाबाद जेल भेजा; गिरफ्तारी के दौरान ‘लुंगी दौड़’ का वीडियो सामने आया
हरियाणा की नूंह हिंसा के आरोपी बिट्टू बजरंगी से पुलिस ने 8 तलवारें बरामद की हैं। उसका एक दिन का रिमांड लिया गया था। गुरुवार को रिमांड खत्म होने के बाद उसे नूंह कोर्ट में पेश किया गया। जहां बिट्टू बजरंगी के वकील ने कहा कि नूंह जेल में उन्हें खतरा है। यहां पर नूंह हिंसा के दूसरे आरोपी भी बंद हैं। जिसके बाद बिट्टू बजरंगी को फरीदाबाद की नीमका जेल भेज दिया गया (पूरी खबर पढ़ें)