प्रियंका को रायबरेली से चुनाव लड़ाने की तैयारी: सोनिया को राजस्थान से राज्यसभा भेजने की संभावना, खड़गे के घर कांग्रेस की बैठक में चर्चा

  • Hindi News
  • National
  • Priyanka Gandhi To Contest Elections From Rae Bareli Sonia Gandhi In Rajyasabha

नई दिल्ली10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
प्रियंका गांधी ने आज तक कभी चुनाव नहीं लड़ा है। रायबरेली सीट कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। 1952 के पहले लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस यहां सिर्फ तीन बार हारी है। - Dainik Bhaskar

प्रियंका गांधी ने आज तक कभी चुनाव नहीं लड़ा है। रायबरेली सीट कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। 1952 के पहले लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस यहां सिर्फ तीन बार हारी है।

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। यहां से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 2004 से चुनाव लड़ती आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बार पार्टी सोनिया को राजस्थान से राज्यसभा भेजने पर विचार कर रही है।

दरअसल, 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर सोमवार शाम अहम मीटिंग हुई। इसमें सोनिया गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की खाली हो रही राज्यसभा सीट ऑफर करने पर चर्चा हुई।

प्रियंका गांधी ने आज तक कभी चुनाव नहीं लड़ा है। रायबरेली की सीट कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। 1952 के पहले लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस यहां सिर्फ तीन बार हारी है।

सोनिया गांधी का राजनीतिक सफर

  • 1997 में सोनिया ने कांग्रेस की मेंबरशिप ली। इसके 62 दिन बाद वे पार्टी की अध्यक्ष बनीं। तब से 2017 तक वे पार्टी की अध्यक्ष बनी रहीं। कांग्रेस पार्टी में कोई इतने लंबे कार्यकाल तक अध्यक्ष नहीं रहा है।
  • सोनिया पहली बार 1999 के लोकसभा चुनाव में लड़ीं। उन्होंने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तरप्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने बेल्लारी की सीट छोड़ दी।
  • 2004 में उन्होंने अमेठी सीट से अपने बेटे राहुल को चुनाव लड़वाया और खुद रायबरेली सीट पर शिफ्ट हो गईं। जहां से वह आज भी सांसद हैं। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मुद्दे पर सोनिया ने 2006 में संसदीय सीट से इस्तीफा दिया और उपचुनाव में जीतकर भी आईं।
  • सोनिया की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति के कहने पर ही सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) कानून लागू करने में अहम भूमिका निभाई।
  • दो अक्टूबर 2007 को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर सोनिया गांधी ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र ने 15 जुलाई 2007 को प्रस्ताव पारित किया और यह दिन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
  • 2004, 2007, 2009 में सोनिया गांधी को फोर्ब्स ने दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया। वह दुनिया के 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों में से एक थीं।
  • 2009 के आम चुनावों में सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने 1991 के बाद पहली बार 200 से ज्यादा सीटें जीतीं और सत्ता में वापसी की। इस बार भी मनमोहन सिंह को ही प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • 2013 में सोनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर लगातार 15 साल रहने का रिकॉर्ड बनाया। 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन (44 सीटें) किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी।

कौन से फॉर्मूले से तय होगी जीत-हार?
राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। चुनाव के फॉर्मूले के तहत विधायकों की कुल संख्या में राज्यसभा की रिक्त सीटों में 1 जोड़कर भाग दिया जाता है। जैसे- राजस्थान में 200 विधायक हैं और राज्यसभा की 3 सीटें खाली हैं। ऐसे में 200 में 3+1(= 4) का भाग देने पर संख्या 50 आती है। इसमें एक जोड़ने पर यह 51 हो जाता है। इस तरह प्रत्येक प्रत्याशी को जीतने के लिए 51 वोट चाहिए।

राजस्थान से 10 राज्यसभा सांसद चुने जाते हैं। वर्तमान में 6 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर भाजपा के सांसद काबिज हैं। एक सीट खाली चल रही है।

वरीयता के लिए पर्याप्त विधायक
राज्यसभा चुनाव में जितने प्रत्याशी खड़े होते हैं, उनके नाम के आगे नंबर लिखे होते हैं। इसमें विधायकों को प्रायोरिटी (वरीयता) के आधार पर उस पर चिह्न लगाने होते हैं।

भाजपा के पास 115 विधायक हैं। भाजपा दो प्रत्याशी घोषित करेगी। ऐसे में प्रत्येक प्रत्याशी को पर्याप्त मत देने के लिए करीब आधे विधायक पहले प्रत्याशी को प्राथमिकता देने के लिए चिह्न लगाएंगे। करीब आधे विधायक दूसरे प्रत्याशी को प्राथमिकता देने के लिए चिह्न लगाएंगे। जिससे दोनों सीटें आसानी से भाजपा के खाते में आ जाएं।

इसी तरह कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं। अपनी पार्टी के प्रत्याशी को प्राथमिकता देने के लिए कांग्रेस के विधायक चिह्न लगाएंगे और एक सीट सुरक्षित कर लेंगे।

27 को ही घोषित होंगे नतीजे
नोटिफिकेशन के अनुसार, 15 फरवरी तक नामांकन दाखिल करने के अगले दिन 16 फरवरी को स्क्रूटनी होगी। इसके बाद प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो जाएगी। 27 फरवरी को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। फिर 27 फरवरी की शाम 5 बजे मतगणना होगी और परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।

खबरें और भी हैं…