‘भुलाने’ वाले वायरस से गई थी तेंदुए की याददाश्त: जुगाड़ के इलाज से बचाई जान, देश में ऐसा पहला केस

सोनकच्छ33 मिनट पहलेलेखक: मिथिलेश मिश्र

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‘मैंने अपने पूरे करियर में गाय-बैल, भैंस और बकरियों का इलाज किया है। तेंदुए जैसे जंगली जानवर का इलाज करने का अनुभव पहली बार हुआ। तेंदुए को इंजेक्शन लगाना, सलाइन चढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती थी। पहली बार इंजेक्शन लगाने के लिए उसकी नस ही नहीं मिली थी, लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों की मदद से इस मुश्किल काम को पूरा किया।’

ये कहते हुए वेटरनरी डॉक्टर मानसिंह मालवीय रोमांचित हो जाते