इम्फाल20 मिनट पहले
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मणिपुर में 3 मई 2023 से हिंसा का दौर जारी है। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि मंगलवार को हुई घटना का राज्य में चल रही हिंसा से लेना-देना नहीं है।
मणिपुर के चंदेल जिले के साजिक टैम्पक में असम राइफल्स के एक जवान ने अपने 6 साथियों पर मंगलवार (23 जनवरी) को फायरिंग की। इसके बाद उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इन सभी जवानों की पोस्टिंग म्यांमार बॉर्डर के पास की गई थी।
मणिपुर पुलिस ने बुधवार को बताया कि घटना के बाद घायलों को तुरंत चुराचांदपुर के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल सभी घायलों की हालत स्थिर बनी हुई है।
असम राइफल्स के IG ने कहा- घायल जवान मणिपुर के रहने वाले नहीं थे और इसका मणिपुर में चल रही हिंसा से कोई लेना देना नहीं है। हमने जांच के आदेश दे दिए हैं। असम राइफल्स में सभी समुदाय के जवान शामिल हैं। ये मणिपुर में शांति बनाए रखने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।
मणिपुर में 17 जनवरी को भी हिंसा हुई थी। यहां थौबल जिले में उपद्रवियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया था। यह तस्वीर उसी घटना की है।
हाल ही में मणिपुर में सुरक्षाबलों पर हुआ था हमला
मणिपुर के थौबल जिले में उपद्रवियों ने 17 जनवरी को पुलिस हेडक्वार्टर पर हमला किया था। उपद्रवी भीड़ की तरफ से की गई फायरिंग में तीन जवान घायल हो गए थे। पुलिस के अनुसार भीड़ ने पहले हेडक्वार्टर में दाखिल होने की कोशिश की थी। जब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, तो भीड़ के बीच से कुछ उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी।
इस हमले में घायल जवानों की पहचान कॉन्स्टेबल गौरव कुमार, एएसआई सोबराम सिंह और एएसआई रामजी के तौर पर हुई थी। घटना के बाद जिला प्रशासन ने थौबल में कर्फ्यू लगा दिया था। हालांकि स्वास्थ्य, मीडिया सहित जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों और कोर्ट के कामकाज में शामिल लोगों समेत हवाई अड्डों पर जाने वाले यात्रियों को कर्फ्यू के दायरे से छूट दी गई थी। पूरी खबर पढ़ें…
मणिपुर में अब तक 200 से ज्यादा मौतें, 1100 घायल
राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई के बीच जारी जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य में अब तक 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।