मनीष सिसोदिया को 3 दिन की जमानत मिली: भतीजी की शादी में लखनऊ जाएंगे; फरवरी 2023 से जेल में हैं पूर्व डिप्टी CM

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नई दिल्ली5 मिनट पहले

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मनीष सिसोदिया को CBI ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने 1 मार्च 2023 को दिल्ली के डिप्टी CM पद से इस्तीफा दे दिया था। (फाइल) - Dainik Bhaskar

मनीष सिसोदिया को CBI ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने 1 मार्च 2023 को दिल्ली के डिप्टी CM पद से इस्तीफा दे दिया था। (फाइल)

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार (12 फरवरी) को मनीष सिसोदिया को तीन दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। उन्होंने लखनऊ में भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 12 से 16 फरवरी तक की अंतरिम जमानत की मांग की थी। लेकिन जज एमके नागपाल ने उन्हें 13 से 15 फरवरी तक की ही जमानत दी है।

दरअसल, सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इसे लेकर उन्हें 26 फरवरी 2023 को CBI ने और 9 मार्च 2023 को ED ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को जब कोर्ट में सिसोदिया की याचिका पर बहस हुई, तो ईडी और CBI ने उनकी जमानत का विरोध किया था।

सोमवार सुबह सुनवाई के लिए मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया।

सोमवार सुबह सुनवाई के लिए मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया।

CBI- सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं सिसोदिया
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में CBI के वकील ने सिसोदिया की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा- सिसोदिया शक्तिशाली पद पर रहे हैं। वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। सिसोदिया के 5 दिन की जमानत मांगने पर उन्होंने कहा कि केवल दूल्हा-दुल्हन ही अपनी शादी के लिए इतने दिनों की जमानत मांग सकते हैं। अगर किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होना है तो एक दिन का समय दिया जा सकता है।

इसके बाद कोर्ट ने सिसोदिया से पूछा कि क्या उन्हें शादी में जाने के दौरान पुलिस की मौजूदगी से कोई परेशानी होगी? इसपर सिसोदिया के वकील ने कहा- उनके साथ पुलिस भेजकर उनके परिवार को नहीं करना चाहिए। इससे शादी का माहौल खराब होगा। जमानत के लिए अगर तीन दिन ही मिलें तो भी काफी होंगे, लेकिन पुलिस अधिकारी न भेजे जाए।

सिसोदिया को बीमार पत्नी से मिलने की भी मिली थी इजाजत
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 5 फरवरी को सिसोदिया को कस्टडी पैरोल में सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा था कि इस दौरान डॉक्टर भी उनसे मिल सकेंगे। दरअसल, उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया मल्टीपल स्केलेरोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित हैं। यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। इसमें कई बार बॉडी पार्ट्स सुन्न पड़ जाते हैं या आपस में कोऑर्डिनेट नहीं कर पाते। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है।

जून 2023 में भी मिली थी जमानत
जून 2023 में सिसोदिया को बीमार पत्नी से मिलने के लिए जमानत मिली थी। लेकिन तब वे उनसे नहीं मिल सके थे। सिसोदिया के घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कोर्ट ने उन्हें हॉस्पिटल जाने की परमिशन नहीं दी थी। इस वजह से जमानत मिलने के बावजूद सिसोदिया अपनी पत्नी से नहीं मिल सके और 7 घंटे बाद वापस तिहाड़ जेल पहुंच गए थे।

5 पॉइंट्स में सिलसिलेवार शराब नीति घोटाला के बारे में जानिए…

1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुईदिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज कियाएलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द कियाविवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार कियासिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

4 अक्टूबर 2023 को AAP नेता संजय सिंह गिरफ्तार किए गए
आबकारी नीति केस में ही ED ने 4 अक्टूबर 2023 को AAP सांसद संजय सिंह को भी अरेस्ट किया। उनके दिल्ली वाले घर पर सुबह 7 बजे ED की टीम पहुंची थी। करीब10 घंटे तक चली छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। 5 अक्टूबर 2023 को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था।

जनवरी 2023 में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र है।

दिल्ली शराब नीति केस में ED की दूसरी सप्लिमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी। जिसमें आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

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