मोदी देश के सबसे लंबे सी-ब्रिज का आज उद्घाटन करेंगे: 21.8 KM लंबा यह ब्रिज मुंबई-नवी मुंबई को जोड़ेगा; 2 घंटे का सफर 16 मिनट में पूरा होगा

मुंबई4 मिनट पहले

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को देश के सबसे लंबे सी-ब्रिज अटल सेतु का उद्घाटन करेंगे। यह ब्रिज मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ेगा। इससे दो घंटे का सफर 16 मिनट में पूरा होगा। दिसंबर 2016 में मोदी ने इस पुल की आधारशिला रखी थी। पुल की कुल लागत 17 हजार 843 करोड़ रुपए है।

21.8 किलोमीटर लंबे सिक्स लेने वाले ब्रिज को मुंबई ट्रांस हार्बर सीलिंक (MTHL) भी कहा जाता है। पुल का 16.5 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र पर है, जबकि 5.5 किलोमीटर का हिस्सा जमीन पर है। इस पुल की क्षमता रोजाना 70 हजार वाहनों की है। फिलहाल ब्रिज से रोज करीब 50 हजार वाहनों के गुजरने का अनुमान है।

MTHL की वेबसाइट के मुताबिक, पुल के उपयोग से हर साल एक करोड़ लीटर ईंधन की बचत होने का अनुमान है। यह रोजाना 1 करोड़ EV से बचने वाले इंधन के बराबर है। इसके अलावा प्रदूषण के स्तर में कमी आने से लगभग 25 हजार 680 मीट्रिक टन CO2 उत्सर्जन भी कम होगा।

पुल को बनाने में 1.78 लाख मीट्रिक टन स्टील और 5.04 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का उपयोग किया गया है। ब्रिज पर 400 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पक्षियों और समुद्री जीवों की सुरक्षा के लिए ब्रिज पर साउंड बैरियर और एडवांस लाइटिंग की गई है।

पुल से जुड़ी सभी जरूरी बातें…

पुल की क्षमता 70000 वाहनों की
इस पुल की क्षमता रोजाना 70000 वाहनों की है। इसके चलते साउथ मुंबई से चिरले की दूरी करीब 30 किमी कम हो जाएगी। पुल पर एक तरफ का टोल 250 रुपये प्रति कार तय किया गया है। वहीं दोनों तरफ का टोल 375 रुपये प्रति कार होगा।

बाइक-रिक्शा बैन, 4 व्हीलर की मैक्सिमम स्पीड 100 KMPH
मुंबई पुलिस ने बताया कि फोर-व्हीलर, मिनी बस और टू-एक्सेल व्हीकल की मैक्सिमम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। ब्रिज की चढ़ाई और उतार पर स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी। वहीं, मोटरसाइकिल, मोपेड, तिपहिया वाहन, ऑटो और ट्रैक्टर को इस ब्रिज पर प्रवेश नहीं मिलेगा।

हर साल 1 करोड़ लीटर ईंधन की बचत
इस पुल के उपयोग से हर साल एक करोड़ लीटर ईंधन की बचत होने का अनुमान है, इसके अलावा पॉल्यूशन लेवल में कमी आने से लगभग 25680 मीट्रिक टन CO2 उत्सर्जन भी कम होगा।

पुल से बाहर नहीं जाएगी आवाज
मुंबई की तरफ से पुल के 8.5 किमी तक के हिस्से में नॉयज बैरियर लगाया गया है। वहीं छह किमी तक के हिस्से में साइड बैरेकेडिंग लगाई गई है क्योंकि पुल का काफी हिस्सा BARC (भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र) से होकर गुजरता है, जो एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है।

समुद्र से 15 मीटर ऊंचा बना है पुल
इस पुल का निर्माण समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर किया गया है। इसके लिए समुद्र तल में 47 मीटर तक गहरी खुदाई करनी पड़ी। इस दौरान ONGC, JNPT और BARC जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों को नुकसान न पहुंचे, इसका ध्यान रखा गया।

5000 से ज्यादा मजदूरों ने निर्माण किया
मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलेपमेंट अथॉर्रिटी (MMRDA) के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 के मध्य में काम शुरू होने के बाद से प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए औसतन हर दिन कुल 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने काम किया। पुल के निर्माण के दौरान सात मजदूरों की जान भी गई।