राज्यों में डिप्टी CM की नियुक्ति असंवैधानिक नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह सिर्फ एक ओहदा, कोई अतिरिक्त लाभ भी नहीं मिलता

नई दिल्ली32 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई की। - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि राज्यों में डिप्टी CM की नियुक्ति संविधान के खिलाफ नहीं है। यह सिर्फ एक ओहदा है, जो वरिष्ठ नेताओं को दिया जाता है। इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को कोई अतिरिक्त फायदा भी नहीं मिलता।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा- सरकार में पार्टियों के गठबंधन या अन्य वरिष्ठ नेताओं को अधिक महत्व देने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।

बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि डिप्टी CM की नियुक्ति को किसी भी तरह से असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता। डिप्टी CM राज्य सरकार में पहला और सबसे अहम मंत्री होता है।

सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी ने लगाई थी। याचिका में दावा किया गया था कि संविधान में डिप्टी CM जैसा कोई पद नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है। ऐसी नियुक्ति एक गलत उदाहरण पेश करती है।

याचिका में इस बात का भी दावा किया गया था कि डिप्टी CM को मुख्यमंत्री की मदद के लिए नियुक्त किया जाता है। वह मुख्यमंत्री के बराबर होता है और उसे समान वेतन और सुविधाएं मिलती हैं।

देश के 14 राज्यों में 26 डिप्टी CM
देश के 14 राज्यों में 26 उपमुख्यमंत्री हैं। वहीं आंध्र प्रदेश में 5 डिप्टी CM हैं। याचिकाकर्ता ने कहा था कि डिप्टी CM की नियुक्ति से जनता का कोई लेना-देना नहीं है और न ही इससे राज्य की जनता को कोई अतिरिक्त फायदा होता है।

ये खबरें भी पढ़ें…

पूर्व महाराष्ट्र सीएम अशोक चह्वाण का कांग्रेस से इस्तीफा, 13 नेताओं के साथ भाजपा जॉइन कर सकते हैं

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विधायक पद भी छोड़ दिया है। अशोक चह्वाण ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को इस्तीफा सौंपा। इससे पहले मिलिंद देवड़ा ने 14 जनवरी तो बाबा सिद्दीकी ने 8 फरवरी को कांग्रेस छोड़ दी थी। पूरी खबर पढ़ें…

तमिलनाडु गवर्नर का विधानसभा से वॉकआउट:2 मिनट में सदन छोड़ा, भाषण पढ़ने से इनकार किया

तमिलनाडु में सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले ही दिन गवर्नर आरएन रवि बिना भाषण पढ़े, दो मिनट में सदन छोड़कर चले गए। गवर्नर ने कहा कि राष्ट्रगान को सम्मान देने की मेरी रिक्वेस्ट को बार-बार नजर अंदाज कर दी गई। साथ ही इस संबोधन में कई अंश हैं, जो फैक्चुअली सही नहीं है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इनसे असहमत हूं। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…