शराब नीति केस में सिसोदिया की कोर्ट में पेशी: CBI की ओर से दर्ज मामले की सुनवाई शुरू, कल ही बढ़ी न्यायिक हिरासत

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नई दिल्ली12 मिनट पहले

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सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले में 338 करोड़ का लेन-देन है, जिसमें सिसोदिया का रोल संदिग्ध है। - Dainik Bhaskar

सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले में 338 करोड़ का लेन-देन है, जिसमें सिसोदिया का रोल संदिग्ध है।

दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को बुधवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। अदालत में CBI की ओर से दर्ज दिल्ली शराब नीति मामले में सुनवाई हो रही है।

मंगलवार को इसी कोर्ट ने ED की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। साथ ही जांच एजेंसी को 24 नवंबर तक आरोपियों के सभी दस्तावेज जमा करने को कहा।

AAP नेता सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप के चलते इसी साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। 269 दिन से जेल में बंद सिसोदिया लोवर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर चुके हैं, लेकिन अदालतों ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

सिसोदिया के केस में अब तक क्या हुआ

  • दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।
  • मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। ​ED ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मई को CBI केस में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते, वह एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
  • 3 जुलाई को, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं।
11 नवंबर को सिसोदिया बीमार पत्नी से मिलने पहुंचे।

11 नवंबर को सिसोदिया बीमार पत्नी से मिलने पहुंचे।

पत्नी से मिलने के लिए कोर्ट ने दिया 6 घंटे का वक्त
मनीष सिसोदिया बीमार पत्नी सीमा से मिलने 11 नवंबर को सुबह 10 बजे घर पहुंचे थे। इसके बाद वो फिर से तिहाड़ जेल रवाना हो गए। कोर्ट ने उन्हें शाम 4 बजे तक यानी कुल 6 घंटे का वक्त दिया था। सिसोदिया ने 9 नवंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दाखिल कर बीमार पत्नी से मिलने के लिए 5 दिनों का समय मांगा था। कोर्ट ने उन्हें केवल एक दिन के लिए पत्नी सीमा से मिलने की इजाजत दे दी थी। पूरी खबर पढ़िए…

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने 30 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा- घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया कि ट्रायल 6 से 8 महीने में पूरा करें। अगर ट्रायल में देर होती है तो सिसोदिया जमानत के लिए 3 महीने के अंदर दोबारा अपील कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़िए…

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1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

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सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के डिप्टी CM को सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर कई फोन को नष्ट करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दिसंबर 2022 में दिल्ली की कोर्ट में दावा किया था कि सिसोदिया और अन्य अरोपियों ने 170 बार मोबाइल फोन बदले और फिर इन्हें तोड़ दिया। इससे 1.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। पढ़ें पूरी खबर…

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