सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज SC फैसला सुनाएगा: दिल्ली शराब नीति मामले में 241 दिन से जेल में बंद हैं AAP नेता

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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मनीष सिसोदिया ने 1 मार्च 2023 को दिल्ली के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दिया था। - Dainik Bhaskar

मनीष सिसोदिया ने 1 मार्च 2023 को दिल्ली के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दिया था।

दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में राज्य के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया 241 दिन से जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 17 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज यानी 30 अक्टूबर को SC अपना फैसला सुनाएगा।

AAP नेता मनीष सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच कर रही है। वहीं, जांच एजेसियों की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और मनीष सिसोदिया की ओर से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में दलीलें देंगे।

17 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और घोटाले से उनका कोई संबंध नहीं है, फिर उन्हें आरोपी क्यों बनाया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ED ये नहीं कह रही कि पैसा आपके पास आया है। बल्कि उसका कहना है कि सिसोदिया की इन्वॉल्वमेंट में घोटाले का पैसा इधर-उधर किया गया है।

आम आदमी पार्टी ने ये वीडियो शेयर करते हुए दिल्ली पुलिस पर आप नेता मनीष सिसोदिया के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया था।

आम आदमी पार्टी ने ये वीडियो शेयर करते हुए दिल्ली पुलिस पर आप नेता मनीष सिसोदिया के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया था।

उन्हें अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में नहीं रख सकते: SC
कोर्ट ने इसके पहले 16 अक्टूबर को जांच एजेंसियों ED-CBI से पूछा कि दिल्ली शराब नीति केस में मनीष सिसोदिया पर आरोप कब तय होंगे। आप उन्हें अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में नहीं रख सकते।

बेंच ने जांच एजेंसियों की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा- एक बार किसी केस में चार्जशीट दायर हो जाने के बाद, आरोपों पर बहस तुरंत शुरू होनी चाहिए। निचली अदालत में सिसोदिया के खिलाफ आरोपों पर बहस कब शुरू होगी।

सिसोदिया को आबकारी नीति केस में 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद इसी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

सिसोदिया को आबकारी नीति केस में 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद इसी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कोर्ट ने कहा- बहस कब शुरू होगी
ASG राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सिसोदिया के खिलाफ केस CrPC की धारा 207 (आरोपी को दस्तावेजों की आपूर्ति) के फेज में है। उसके बाद आरोप पर बहस शुरू होगी। इस पर जस्टिस खन्ना ने पूछा, आरोप पर बहस अभी तक क्यों शुरू नहीं हुई है और वे कब शुरू होंगी?

आम आदमी पार्टी को बनाया जा सकता है आरोपी- ED-CBI
जांच एजेंसियों का पक्ष रख रहे ASG राजू ने कोर्ट में यह भी कहा कि एजेंसियां इस केस में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने पर विचार कर रही हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ED से पूछा था कि जब शराब नीति का सीधे तौर पर फायदा आम आदमी पार्टी को मिला है, मनीष सिसौदिया को नहीं। ऐसे में एजेंसी ने पार्टी को आरोपी क्यों नहीं बनाया है?

ED ने मामले में चार चार्जशीट दाखिल कीं
करीब 10 महीने तक जांच-पड़ताल करने के बाद 1 जून 2023 को ED ने अपनी जांच पूरी की। एजेंसी ने इस मामले में चार चार्जशीट दाखिल कीं। ED ने कोर्ट को बताया कि उनके पास सिसोदिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। ED के मुताबिक, सिसोदिया ने सबूत छिपाने के लिए 14 फोन और 43 सिम कार्ड बदले, जिनमें से पांच सिम सिसोदिया के नाम पर ही थे।

सिसोदिया के केस में अब तक क्या हुआ

  • दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।
  • मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। ​ED ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मई को CBI केस में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते, वह एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
  • 3 जुलाई को, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं।

शराब घोटाला मामले में संजय सिंह भी गिरफ्तार
आबकारी नीति केस में ही ED ने 4 अक्टूबर को AAP सांसद संजय सिंह को भी अरेस्ट कर लिया। उनके दिल्ली वाले घर पर सुबह 7 बजे ED की टीम पहुंची। 10 घंटे तक चली छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

अगले दिन 5 अक्टूबर को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक की रिमांड पर भेज दिया। इसके बाद कोर्ट ने ED की मांग पर संजय सिंह की रिमांड अवधि 13 अक्टूबर तक बढ़ा दी। दिल्ली हाईकोर्ट में AAP सांसद संजय सिंह की जमानत पर सुनवाई चल रही है। पूरी खबर पढ़ें …

4 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने समर्थकों का आभिवादन किया और हाथ हिलाते हुए कार में बैठ वो निकल गए।

4 अक्टूबर को गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने समर्थकों का आभिवादन किया और हाथ हिलाते हुए कार में बैठ वो निकल गए।

अब 5 पॉइंट्स में सिलसिलेवार शराब नीति घोटाला के बारे में जानिए…

1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

CBI की टीम ने 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की। इस दिन CBI ने 7 राज्यों में 21 जगहों पर एकसाथ कार्रवाई की।

CBI की टीम ने 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की। इस दिन CBI ने 7 राज्यों में 21 जगहों पर एकसाथ कार्रवाई की।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

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सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के डिप्टी CM को सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर कई फोन को नष्ट करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दिसंबर 2022 में दिल्ली की कोर्ट में दावा किया था कि सिसोदिया और अन्य अरोपियों ने 170 बार मोबाइल फोन बदले और फिर इन्हें तोड़ दिया। इससे 1.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एक्साइज स्कैम में सबूतों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया। पढ़ें पूरी खबर…

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