शिमला14 घंटे पहले
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हिमाचल में 173 कंपनियां इसी तरह बांध बनाकर बिजली उत्पादन कर रही है। राज्य सरकार को इनसे सालाना 2000 करोड़ रुपए की इनकम की उम्मीद है, लेकिन केंद्र सरकार वाटर सेस को असंवैधानिक बता रही है। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में केंद्र व राज्य के बीच टकराव बढ़ सकता है, क्योंकि राज्य सरकार ने भी वाटर सेस वसूली के लिए बाकायदा कानून बनाया है।
केंद्र सरकार की चिट्ठी ने एक बार फिर से हिमाचल की टेंशन बढ़ाई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पावर प्रोजेक्ट पर लिए जा रहे वाटर सेस (उप कर) को असंवैधानिक बताया है। केंद्र ने इसे तुरंत बंद करने को कहा है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 25 अक्टूबर को सभी राज्यों को