80% कं​पनियों को ‘काबिल’ लोग नहीं मिल रहे: इसलिए उम्रदराज को ले रहीं; 41 देशों की 38,833 कंपनियों के सर्वे में सामने आया

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नई दिल्ली5 घंटे पहले

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भारत समेत दुनियाभर में बेरोजगारी का महासंकट बना हुआ है, इसके बावजूद दुनिया की 77% और देश की 80% कंपनियों को ‘योग्य’ कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। ये बात मैनपावर ग्रुप के एक सर्वे में सामने आई है। इस ग्रुप ने इसी साल जुलाई में 41 देशों की 38,833 निजी और सरकारी कंपनियों पर किए सर्वे के आधार पर ये नतीजे निकाले हैं।

सर्वे के मुताबिक, IT सेक्टर में सबसे ज्यादा 39% कंपनियों को काबिल लोग नहीं मिल रहे। इस सूची में फाइनेंशियल सेक्टर (33%) दूसरे, हेल्थकेयर (31%) तीसरे और इंडस्ट्रियल (28%) सेक्टर चौथे नंबर पर है। अगर सबसे ज्यादा भर्तियों की बात करें तो 250 से ज्यादा कर्मचारियों वाली सबसे ज्यादा 34% कंपनियों का कहना है कि वे हायरिंग बढ़ाएंगी।

संकट; योग्यता की कमी 17 साल के टॉप लेवल पर

  • ताइवान की 90% कंपनियों ने कहा, उन्हें योग्य कर्मचारी नहीं मिल रहे। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। 41 देशों की इस सूची में जर्मनी (86%) दूसरे और चीन (81%) 9वें स्थान पर है।
  • भारत 80% के साथ ब्रिटेन के बराबर है। जापान (78%) और अमेरिका (75%) मामूली बेहतर स्थिति में हैं। कोलंबिया की 64% कंपनियों ने ही माना कि काबिल लोग नहीं मिल रहे, जो दुनिया में सबसे कम है।
  • दुनिया में हर 5 में से करीब 4 कंपनियों को जैसी योग्यता वाले लोग चाहिए, वैसे उपलब्ध नहीं हैं। पिछले 17 साल में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2010 में केवल 31% और 2016 में 40% कंपनियों के सामने ही ऐसा संकट था।
  • टेक्निकल स्किल्स में सर्वाधिक 27% कंपनियों को आईटी और डेटा, 22% को इंजीनियरिंग, 20% को सेल्स एंड मार्केटिंग और 17% को कस्टमर डीलिंग में योग्य लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत है।

हल; 27% कंपनियां लंबे गैप वालों को मौका दे रहीं

  • ​काबिलियत के संकट से निपटने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। 34% कंपनियां ऐसे लोगों ​को मौका दे रही हैं, जिनकी उम्र ज्यादा है और वे नौकरी बदलने की सोच रहे हैं।
  • 27% कंपनियां उन पर फोकस कर रही हैं, जिन्होंने पारिवारिक जिम्मेदा​री के कारण करियर बीच में छोड़ दिया।
  • 26% ने उन्हें टारगेट किया है, जो लंबे समय से बेरोजगार चल रहे हैं।
  • 23% कंपनियां उन्हें भी हायर कर रही हैं, जिनमें काम के लिए जरूरी सभी टेक्निकल स्किल्स नहीं भी हैं। 16% मामूली दिव्यांगों को भी ले रहीं।
  • 31% कंपनियां 18-26 साल वाले उन युवाओं को नौकरी में तरजीह दे रही हैं, जो सीखने के लिए उत्सुक हैं।
  • देश की 37% कंपनियों ने कहा कि वे हायरिंग बढ़ाएंगी, जबकि दुनियाभर की कंपनियों का औसत 30% ही है।
  • 41 देशों में जापान की सबसे कम 11% कंपनियां ही हायरिंग बढ़ाएंगी।

कार्यक्षमता; 37% कंपनियां स्पष्ट लक्ष्य दे रही हैं

  • ​वर्कप्लेस पर कर्मियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा 40% कंपनियां ट्रेनिंग, अपस्किल (मौजूदा योग्यता बढ़ाना) और रिस्किलिंग (नई योग्यता सिखाना) पर जोर दे रही हैं।
  • 37% कंपनियां कर्मचारियों को साफ लक्ष्य और मकसद बता रही हैं, ताकि वे काम पर ठीक से फोकस कर सकें।
  • 36% कंपनियों का जोर सकारात्मक वर्क कल्चर और 33% का वर्क-लाइफ बैलेंस बनाने पर है।
  • एचआर डिपार्टमेंट कर्मचारियों के आयुवर्ग के अनुसार उन पर फोकस कर रहा है। मसलन, 28% कंपनियां 18-26 वालों की भर्ती और अपस्कििलंग पर जोर दे रही हैं। 27% कंपनियां 27-42 वालों को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखने की कोशिश में हैं।
  • 24% कंपनियां 43-58 साल वाले कर्मियों को जोड़े रखने का प्रयास कर रहीं। 20% कंपनियां 59-77 आयुवर्ग वालों को भी नहीं छोड़ना चाहती हैं।