ED ने संजय सिंह के 3 करीबियों को समन भेजा: आरोप- एक ने संजय के बदले पैसा लिया, एक को प्रॉफिट में हिस्सा ऑफर हुआ

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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सिसोदिया की गिरफ्तारी के ठीक 222 दिन बाद 5 अक्टूबर को इसी मामले में ED ने AAP सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया। - Dainik Bhaskar

सिसोदिया की गिरफ्तारी के ठीक 222 दिन बाद 5 अक्टूबर को इसी मामले में ED ने AAP सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और सांसद संजय सिंह के तीन करीबियों को समन भेजा है। इनमें विवेक त्यागी, सर्वेश मिश्रा और कंवरबीर सिंह का नाम शामिल है। सर्वेश मिश्रा आज ही ED के सामने पेश हो सकते हैं।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक ED इन तीनों से संजय सिंह के सामने पूछताछ करेगी। AAP सांसद फिलहाल 10 अक्टूबर तक ED की हिरासत में हैं। सिंह को बुधवार 4 अक्टूबर को उनके दिल्ली वाले घर से ED ने दिनभर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।

जांच एजेंसी का आरोप- एक ने पैसा लिया, एक ने प्रॉफिट में हिस्सा
संजय के इन करीबियों पर आरोप लगाते हुए ED ने कहा है कि सर्वेश ने संजय सिंह के घर पर उनकी तरफ से दो बार में 2 करोड़ रुपए लिए थे। वहीं संजय के पर्सनल असिस्टेंट विजय त्यागी को आरोपी अमित अरोड़ा की कंपनी अरालियास हॉस्पिटैलिटी के कमर्शियल प्रॉफिट में हिस्सा ऑफर किया गया था। ED इन तीनों से क्राइम और इससे हुई पूरी आय का पता लगाने सवाल-जवाब करेगी।

BJP बोली- संजय ही नहीं पूरी आम आदमी पार्टी दोषी
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संजय के करीबियों को समन भेजे जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार और रोज नए खुलासे होना आम बात हो गई है। पॉलिसी में नीतिगत चेंज जिसका मतलब है की केवल संजय सिंह ही नहीं पूरी पार्टी दोषी है। कल कोर्ट ने कहा है की ये गिरफ्तारी किसी भी तरह से गलत नहीं है। आज दिल्ली की जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

5 अक्टूबर को AAP नेता संजय सिंह को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। यहां उन्होंने मीडिया से कहा कि मोदी जी, चुनाव हारेंगे।

5 अक्टूबर को AAP नेता संजय सिंह को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। यहां उन्होंने मीडिया से कहा कि मोदी जी, चुनाव हारेंगे।

संजय ED के रडार पर कैसे आए…
जनवरी में ED की चार्जशीट में जुड़ा था संजय सिंह का नाम ED ने इसी साल जनवरी में अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। दरअसल, शराब नीति घोटाले में आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने कहा है कि उसके रेस्तरां में संजय सिंह और दिल्ली के बार-रेस्तरां मालिकों के बीच बैठक हुई थी।

इस मीटिंग में मौजूद मनीष सिसोदिया ने भरोसा दिया था कि दोबारा सरकार बनने पर आबकारी नीति बनाते वक्त शराब कारोबारियों के हितों का ख्याल रखा जाएगा। अरोड़ा ने पार्टी फंड में 82 लाख दिए और वह CM केजरीवाल से मिला। ED की चार्जशीट में नाम जोड़े जाने पर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था।

उन्होंने दावा किया कि ED ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। इस पर ED ने जवाब दिया कि हमारी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है। इनमें तीन जगह नाम सही लिखा है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी।

इसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है। 2 मई को ED की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट जारी की गई थी। इसमें आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी ने संजय सिंह के परिवार से मुलाकात की।

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी ने संजय सिंह के परिवार से मुलाकात की।

अब 5 पॉइंट्स में सिलसिलेवार शराब नीति घोटाले के बारे में जानिए…

  • नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई – दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।
  • जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा – 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।
  • अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया – एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया। 19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।
  • जुलाई 2022 में सरकार ने नई नीति को रद्द किया – विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।
  • फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया- सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI का आरोप है कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे सरकार को नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

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