अमेरिका खुफिया और सुरक्षा एजेंसी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के प्रमुख इन दिनों भारत दौरे पर हैं। अपने इस दौरे के दौरान एफबीआई प्रमुख क्रिस्टोफर ए. रे एनआईए के मुख्यालय पहुंचे। उनके साथ उच्च स्तरीय एफबीआई प्रतिनिधिमंडल भी था। यहां उन्होंने एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता के साथ ही दोनों एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यापक चर्चा की। बैठक के दौरान भारत ने उनसे खालिस्तानियों से जुड़ी जानकारी साझा करने को कहा।
एनआईए ने यह भी बताया कि बैठक के दौरान एफबीआई प्रमुख से उत्तरी अमेरिकी देशों (कनाडा) में रहने वाले सभी खालिस्तान समर्थकों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने को कहा है। इसके अलावा, भारत ने एफबीआई से उन संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी साझा करने का भी अनुरोध किया है, जिन्हें हाल के सालों में अलगाववादी आंदोलन में भर्ती किया गया है।
गौरतलब है कि यह अपडेट तब सामने आया है जब हाल ही में अमेरिकी प्रशासन ने एक भारतीय नागरिक और एक भारतीय एजेंसी के अधिकारी के खिलाफ खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का षड़यंत्र रचने के आरोप लगाए थे। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका कड़ा विरोध किया था।
इन मुद्दों पर भी चर्चा
बैठक के दौरान, आतंकवादी-संगठित आपराधिक नेटवर्क के कृत्यों और गतिविधियों, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में अमेरिका में चल रही जांच,विभिन्न प्रकार के आतंक और साइबर अपराधों की जांच सहित कई मुद्दों पर स्पष्ट और व्यापक चर्चा हुई। इस दौरान एनआईए प्रमुख ने संगठित आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों के साथ आतंकवादी संगठनों और आतंकवादी तत्वों के बीच हो रही सांठगांठ के बारे में भी विस्तार से वार्ता की।
एफबीआई निदेशक ने कही ये बात
बैठक के बाद एफबीआई निदेशक ने कहा कि दोनों एजेंसियों में काफी समानताएं हैं और ये समानताएं मतभेदों से कहीं अधिक हैं। उन्होंने आतंकवाद और संगठित अपराध सिंडिकेट के बीच सांठगांठ पर भी प्रतिक्रिया दी। रे ने कहा कि यह अब साइबरस्पेस में भी दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि 9/11 और मुंबई हमलों जैसी आतंकवादी घटनाओं ने देशों के आतंकवादी खतरों पर प्रतिक्रिया करने के तरीके को बदल दिया है। क्रिस्टोफर रे ने इस दौरान लगातार बढ़ती चुनौतियों और खतरों से निपटने के लिए एफबीआई और एनआईए के बीच साझेदारी और सहयोग को अगले स्तर पर ले जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
साइबर क्षेत्र में बढ़ रहे खतरे
बैठक के दौरान एनआईए महानिदेशक ने बताया कि साइबर क्षेत्र में खतरे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और चरमपंथियों द्वारा कट्टरपंथी विचारों और भर्ती के प्रचार के लिए डिजिटल स्पेस का भी प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं आतंकवादी वित्तपोषण के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग भी देखा जा रहा है।