IAF ने आधी रात चलाया एयरलिफ्ट ऑपरेशन: मशीन चलाते समय जवान का हाथ कटा था, 4 घंटे में लद्दाख से दिल्ली लाए

नई दिल्ली3 मिनट पहले

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दिल्ली के आर एंड आर हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने जवान के हाथ की सर्जरी की। - Dainik Bhaskar

दिल्ली के आर एंड आर हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने जवान के हाथ की सर्जरी की।

भारतीय सेना के एक जवान का लद्दाख की फॉरवर्ड यूनिट में मशीन चलाते समय हाथ कट गया था। इसके बाद इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने जवान को IAF C-130 J फ्लाइट से महज 4 घंटे में दिल्ली एयरलिफ्ट किया।

घायल जवान को पहले लेह एयरबेस पर पहुंचाया गया। इसके बाद उसे सुपर हरक्युलिस प्लेन के जरिए पालम एयरफोर्स स्टेशन पर एयरलिफ्ट किया गया। IAF की टीम ने घायल जवान को दिल्ली के आर एंड आर हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां उसकी सर्जरी की गई।

एयरलिफ्ट के लिए सिर्फ 6-8 घंटे का समय दिया गया था। इसके लिए C- 130 J फ्लाइट से जवान को एयरलिफ्ट कराया गया था।

एयरलिफ्ट के लिए सिर्फ 6-8 घंटे का समय दिया गया था। इसके लिए C- 130 J फ्लाइट से जवान को एयरलिफ्ट कराया गया था।

10 अप्रैल को हुआ था हादसा
जवान के साथ लद्दाख की फॉरवर्ड पोस्ट पर यह हादसा बुधवार 10 अप्रैल को हुआ था। IAF ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर शुक्रवार को ऑपरेशन थिएटर की फोटो के साथ यह खबर शेयर की। हाथ कटने के बाद लद्दाख में मौजूद IAF ने उन्हें फर्स्ट ऐड दिया।

वायुसेना ने यह भी बताया कि उन्होंने जवान को रात में मेडिकल हेल्प देने के लिए एनवीजी ग्लासेज (NVG) पहने थे। NVG का मतलब नाइट विजन गॉगल्स होता है। ये ग्लासेज रात के अंधेरे में कम रोशिनी होने की वजह से देखने में मदद करते हैं। इन ग्लासेज को नाइट ऑप्टिकल या ऑब्जरवेशन डिवाइस भी कहा जाता है।

अप्रैल 2023 में भी IAF ने किया था रेस्क्यू
भारतीय वायुसेना ने अप्रैल 2023 में भी सूडान के कई लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए बचाया था। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में C-130 J का इस्तेमाल किया था। इस दौरान भी पायलट्स और टीम ने अंधेरा होने की वजह से नाइट विजन गॉगल्स को पहने थे।

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