चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद दशकों पुराना है। इस मुद्दे पर अक्सर दोनों देश आमने-सामने आते हैं। विस्तारवादी नीति पर चलने वाली चीनी सरकार के अड़ियल रूख के कारण भारत के साथ रिश्ते शांत लेकिन तनावपूर्ण रहते हैं। ताजा घटनाक्रम में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास करने के संकेत दिए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने स्विटजरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पर दोनों देशों के संबंध स्थिर होने पर चीन और भारत के बीच व्यापार और दूसरे द्विपक्षीय मुद्दों पर भी ध्यान दिया जा सकता है।
सीमा विवाद की आंच व्यापार समेत द्विपक्षीय मुद्दों तक न पहुंचे
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी प्रवक्ता एक भारतीय अधिकारी की कथित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय अधिकारी ने कथित तौर पर कहा है कि सीमा पर गतिरोध खत्म होने और संबंध स्थिर होने पर चीन में निवेश करने को लेकर भारत अपने नियमों को बदलने पर विचार कर सकता है। चीन के रुख को दोहराते हुए माओ ने भारत-चीन संबंधों पर कहा, चीन-भारत सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर स्थिर है। सीमा विवाद से जुड़े मुद्दे के समाधान की प्रक्रिया से दोनों देशों के सामान्य विकास पर असर नहीं पड़ना चाहिए।