Jharkhand: परिवार में कलह! भाजपा में शामिल हुईं हेमंत सोरेन की भाभी, आज ही दिया था झामुमो से इस्तीफा

Sita Soren sister-in-law of former Jharkhand CM Hemant Soren has resigned from JMM

भाजपा में शामिल हुईं हेमंत सोरेन की भाभी
– फोटो : सोशल मीडिया

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झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अब बताया जा रहा है कि उन्होंने भाजपा का हाथ थाम लिया है। सीता सोरेन झामुमो मुक्ति मोर्चा के प्रमुख रहे शिबू सोरेन की बड़ी बहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं। वह दुमका की जामा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं।

नोट के बदले वोट केस मामले में आया था नाम

हाल ही में नोट के बदले वोट केस मामले में सीता सोरेन का नाम तेजी से सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उन्हें विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष मुकदमे का सामना करना होगा, जो पहले से ही 2012 के खरीद-फरोख्त मामले में गवाहों से पूछताछ कर रही है। 

मैंने 14 साल झामुमो के लिए काम किया

भाजपा में शामिल होने के बाद सीता सोरेन ने कहा, ‘मैंने 14 साल झामुमो के लिए काम किया, लेकिन मुझे कभी भी पार्टी से वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी मैं हकदार थी। इसी के कारण मुझे यह फैसला (भाजपा में शामिल) लेना पड़ा। पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह पर भरोसा जताते हुए मैं आज भाजपा में शामिल हुई। हमें झारखंड और अपने आदिवासी भाइयों के जीवन को बचाना है। झारखंड में बदलाव की जरूरत है।’

वह खुद को नुकसान पहुंचा रहीं: मनोज पांडे

जेएमएम के नेता मनोज पांडे ने कहा, ‘मेरे पास इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो यह बहुत बुरी खबर है। हम उन्हें पार्टी का एक महत्वपूर्ण सदस्य मानते हैं। हमें उम्मीद है कि वह फिर से विचार करेंगी। इस पार्टी से उन्हें जिस तरह का सम्मान मिला है, मुझे नहीं लगता कि उन्हें कहीं और मिलेगा। अगर वह उन लोगों के प्रभाव में आती है जो हमारा विरोध करते हैं तो वह खुद को नुकसान पहुंचा रही है।’

 

आइए जानते हैं कौन हैं सीता सोरेन

  • साल 2009 में शिबू सोरेन के बड़े बेटे व झामुमो के तत्कालीन महासचिव दुर्गा सोरेन की बोकारो में संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी। वह उस वक्त महज 39 साल के थे। मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया।

     

  • बड़े भाई के निधन के बाद ही हेमंत सोरेन का पार्टी में कद बढ़ा। हालांकि, बावजूद इसके हेमंत की कैबिनेट में कभी उन्हें शामिल नहीं किया गया। कहा जाता है, इसे लेकर कहीं न कहीं वह गुस्से में हैं। सीता सोरेन अक्सर राज्य में अवैध खनन और परिवहन के मुद्दे को लेकर मुखर रही हैं।

     

  • ओडिशा के मयूरभंज में पैदा हुईं सीता सोरेन 12वीं तक की पढ़ाई की हैं। उनके पिता का नाम बोदु नरायन मांझी और मां का नाम मालती मुर्मू हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। सीता सोरेन पढ़ने की भी शौकीन हैं और साहित्य के क्षेत्र में मुंशी प्रेमचंद्र को अपना आदर्श मानती हैं।

     

  • साल 2021 के अक्टूबर में उनकी दो बेटियों राजश्री सोरेन और जयश्री सोरेन ने अपने पिता के नाम पर एक पार्टी का गठन किया था। इसका नाम दुर्गा सोरेन सेना रखा गया।

     

  • दोनों बेटियों ने कहा था कि  इसका मकसद राज्य में भ्रष्टाचार, विस्थापन, जमीन की लूट समेत अन्य मसलों पर संघर्ष करना है। उनकी बेटी राजश्री ने बिजनेस मैनेजमेंट और जयश्री ने कानून की पढ़ाई की है।