J&K पुनर्गठन संशोधन अधिनियम लागू होने की अधिसूचना जारी: राज्य की विधानसभा सीटें बढ़कर 114 होंगी; विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए 2 सीटें आरक्षित

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के जरिए राज्य की आरक्षण नीति में भी बड़ा बदलाव किया गया है। - Dainik Bhaskar

जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के जरिए राज्य की आरक्षण नीति में भी बड़ा बदलाव किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार (26 दिसंबर) को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अधिनियम, 2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन), अधिनियम 2023 के प्रावधान लागू होने के बाद राज्य की विधानसभा में सीटों की संख्या बढ़ कर 114 हो जाएंगी।

विधानसभा में पहली बार विस्थापित कश्मीरी पंडितों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लिए क्रमश: दो और एक सीट आरक्षित होगी। इन्हें उपराज्यपाल नॉमिनेट करेंगे। नॉमिने​​​​​शन में एक महिला का होना अनिवार्य होगा। अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीटें आरक्षित की गई हैं, जबकि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 6 से बढ़ा कर 7 कर दी गई हैं।

आरक्षण नीति में बड़ा बदलाव
आरक्षण अधिनियम के जरिए राज्य की आरक्षण नीति में बड़ा बदलाव किया गया है। आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत देश के दूसरे राज्यों की तरह ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी ओबीसी, एससी, एसटी और सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

मुस्लिम, गुर्जरों के विरोध को नकारते हुए पहाड़ी समुदाय से जुड़ी कई जातियों को भी एसटी का दर्जा दिया गया है।

सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग में दोनों केंद्रशासित प्रदेशों के पिछड़े घोषित किए गए गांवों, वास्तविक नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया है।

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