PM ने एक लाख परिवारों को ढाई-ढाई लाख दिए: पक्के घर बनवाने के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे, कहा- कोई कल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं होगा

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नई दिल्ली7 मिनट पहले

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पीएम मोदी ने वर्चुअल संवाद के दौरान कहा कि जनजातीय परिवार इन पैसों में से बिचौलियों को एक रुपया भी न दें। - Dainik Bhaskar

पीएम मोदी ने वर्चुअल संवाद के दौरान कहा कि जनजातीय परिवार इन पैसों में से बिचौलियों को एक रुपया भी न दें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (15 जनवरी) को पीएम जनमन योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। इस दौरान उत्तराखंड की बोक्सा, छत्तीसगढ़ की कमार-कोरवा, मध्य प्रदेश की बैगा-भील और राजस्थान की सहारिया जनजाति के लोग संवाद से जुड़े।

इस दौरान अतिपिछड़े जनजातीय समूह (PVTG) के एक लाख लाभार्थी परिवारों को पक्के घरों के लिए 540 करोड़ रुपए फंड की पहली किस्त भी जारी की गई। यानी सरकार ने एक-एक घर के लिए ढाई लाख रुपए ट्रांसफर किए।

संवाद के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि कोई भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित न रहे। क्योंकि देश तभी विकसित हो सकता है जब सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे।

विशेष पिछड़ी जनजातीय लोगों के विकास और उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर PM जनमन योजना शुरू की थी। इसका मुख्य लक्ष्य विशेष रूप से कमजोर जनजातियों का संपूर्ण विकास करना है।

जनमन योजना के तहत जनजातीय लोगों के आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और अन्य दस्तावेज बनवाए गए हैं।

जनमन योजना के तहत जनजातीय लोगों के आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और अन्य दस्तावेज बनवाए गए हैं।

पीएम के वर्चुअल संवाद की बड़ी बातें…

  • सरकार की योजनाएं सबसे पिछड़े आदिवासी भाई-बहनों तक पहुंचे, यही पीएम जनमन महाअभियान का उद्देश्य है। सरकार की हर योजना उन तक पहुंचे, इसके लिए सरकार पूरी ताकत लगा रही है।
  • मेरी सरकार के 10 साल गरीबों को समर्पित रहे हैं, क्योंकि देश तभी विकसित हो सकता है जब सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे।
  • आपको अपना घर बनाने के लिए किसी को भी एक भी रुपया नहीं देना। अगर कोई आपसे पैसा मांगे तो बिलकुल मत देना। ये आपका पैसा है।

PM मोदी शिवपुरी की ललिता से बोले- आप सुपर फास्ट बोलती हैं

पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश की आदिवासी महिला ललिता से बात की।

पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश की आदिवासी महिला ललिता से बात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जनमन अभियान के तहत अलग-अलग राज्यों की महिलाओं से बात की। शिवपुरी के हातोद गांव की ललिता सहरिया आदिवासी महिला से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने को लेकर सवाल किया। ललिता ने कहा- बेटी को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला है। बच्चों को ड्रेस मिली। मेरे शीतला माता स्व-सहायता समूह को भी लाभ मिला है।इस पर पीएम ने कहा, आप सुपर फास्ट बोलती जा रही हैं। इतना तो हम भी नहीं बोल सकते।

वहीं PM छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिला से पूछा, कोई नई रेसिपी सीखी या नहीं। तब महिला ने बताया कि उज्ज्वला योजना से मिली गैस के चलते उसे धुस्का, भजिया बनाने में आसानी होने लगी है। पढ़ें पूरी खबर…

योजना के तहत 9 केन्द्रीय मंत्रालय 11 सुविधाओं पर करेंगे काम
जनमन योजना के तहत केंद्र सरकार के 9 मंत्रालय 11 सुविधाओं को सुनिश्चित करने का काम करेंगे। इनमें पक्के घर का प्रावधान, पक्की सड़क, नल से जल-समुदाय आधारित पेयजल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए पोषण, बहुउद्देशीय केंद्रों का निर्माण, घरों में बिजली पहुंचाना, सोलर पावर, इंटरनेट तथा मोबाइल सर्विस की उपलब्धता और आजीविका संवर्धन के लिए स्किल डेवलपमेंट शामिल हैं।

जनमन योजना के तहत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 22000 बस्तियों में लगभग 7 लाख परिवारों को कवर करने का लक्ष्य है।

जनमन योजना के तहत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 22000 बस्तियों में लगभग 7 लाख परिवारों को कवर करने का लक्ष्य है।

केंद्र सरकार 3 साल में खर्च करेगी 24104 करोड़
15 नवंबर को प्रधानमंत्री ने योजना की शुरुआत की थी। पिछले दो महीनों में सरकार ने पीएम-जनमन पैकेज के तहत 9 मंत्रालयों के माध्यम से ₹4700 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिसमें घरों के लिए एक लाख लाभार्थियों को मिलने वाली पहली किस्त भी शामिल है।

इसके अलावा इन जनजातियों की बस्तियों में 8000 किमी सड़कों में से 1207 किमी के निर्माण को मंजूरी दे दी है। छूटे हुए परिवारों को पीएम जल जीवन मिशन से जोड़ने और 916 आंगनवाड़ी केंद्रों को मंजूरी दी है, जिनमें से 816 के इस महीने के आखिर तक चालू हो जाएंगी।

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनमन योजना के तहत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 22000 बस्तियों में लगभग 7 लाख परिवारों को कवर करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र ने इस पैकेज के लिए अगले तीन साल में खर्च किए जाने वाले कुल ₹24104 करोड़ को मंजूरी दी है, जिसमें से ₹15336 करोड़ केंद्र ही खर्च करेगा। बाकी ₹8768 करोड़ राज्य सरकारें उठाएंगी।

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