RSS प्रमुख बोले-जब तक समाज में भेदभाव, आरक्षण रहना चाहिए: अखंड भारत पर कहा- आज के युवाओं के बूढ़े होने से पहले ये सच होगा

नागपुर5 घंटे पहले

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नागपुर में हुए इस इवेंट में मौजूद लोगों ने मोहन भागवत से सवाल भी पूछे। - Dainik Bhaskar

नागपुर में हुए इस इवेंट में मौजूद लोगों ने मोहन भागवत से सवाल भी पूछे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार 6 सितंबर को कहा कि हमारे समाज में भेदभाव मौजूद है। और जब तक असमानता बनी रहेगी तब तक आरक्षण भी जारी रहना चाहिए।

भागवत ने यह भी कहा कि अखंड भारत या अविभाजित भारत आज के युवाओं के बूढ़े होने से पहले सच हो जाएगा, क्योंकि 1947 में भारत से अलग होने वाले लोग अब महसूस कर रहे हैं कि उन्होंने गलती की।

भागवत का बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठा समुदाय का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है।

भागवत के बयान की बड़ी बातें …

  • हमने साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा। उनकी परवाह नहीं की। ये सब 2000 साल तक जारी रहा। जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते, तब तक कुछ विशेष उपाय करने होंगे और आरक्षण उनमें से एक है। इसलिए हम संविधान में दिए गए आरक्षण को पूरा समर्थन देते हैं।
  • समाज में भेदभाव मौजूद है, भले ही हम इसे देख न सकें। अगर समाज के वे वर्ग जो भेदभाव से 2000 साल तक पीड़ित रहे, तो हमें, जिन्हें भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा अगले 200 साल तक कुछ परेशानी क्यों नहीं झेलनी चाहिए।
  • अगर युवा अखंड भारत के लिए काम करते रहेंगे, तो बूढ़े होने से पहले इसे साकार होता हुआ देखेंगे। क्योंकि हालात ऐसे बन रहे हैं कि जो लोग भारत से अलग हो गए, उन्हें लगता है कि उन्होंने गलती की है।
  • उन्हें लगता है कि हमें फिर से भारत बनना चाहिए था। वे सोचते हैं कि भारत बनने के लिए उन्हें मानचित्र पर रेखाओं को मिटाने की आवश्यकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत बनना भारत की प्रकृति या स्वभाव को स्वीकार करना है। वो स्वभाव मंजूर नहीं था, इसलिए विखंडन हुआ।
  • हमें अपने जीवन से सब पड़ोसी देशों को ये सिखाना पड़ेगा। ये काम हम कर रहे हैं। मालदीव को पानी, श्रीलंका को पैसा, नेपाल में भूचाल के दौरान मदद और बांग्लादेश को मदद पहुंचाते हैं। और ये सबको बताकर कर रहे हैं।
  • प्रेमदासा के बयान के बारे में भागवत बोले कि 1992 में उन्होंने कहा था कि दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक होना मुश्किल काम नहीं हैं। आज भले ही हम दुनिया के लिए अलग-अलग देश जाने जाते हैं, लेकिन हम एक ही भारतभूमि के अंग हैं।

भारत में फैमिली सिस्टम सुरक्षित, क्योंकि इसकी नींव में सच है
एक दिन पहले नागपुर में ही भागवत ने कहा था कि दुनिया भर में परिवार व्यवस्था खत्म हो रही है, लेकिन भारत इस संकट से बच गया है क्योंकि सच्चाई इसकी नींव है। वे सीनियर सिटीजन्स के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। भागवत ने कहा कि हमारी संस्कृति की जड़ें सच पर आधारित हैं, हालांकि इस संस्कृति को उखाड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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