UP: 2018 का इतिहास दोहराएगी BJP? राज्यसभा चुनाव के नतीजों पर पड़ेगा दूसरी वरीयता के मतों का प्रभाव, जानें गणित

Counting of votes will be done on the basis of second preference in Rajya Sabha elections

Rajya sabha election 2024
– फोटो : अमर उजाला

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लखनका भाजपा आठ प्रत्याशी मैदान में उतारकर 2018 का इतिहास दोहराने की तैयारी में जुट गई है। 2018 के राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा के पास आठ प्रत्याशी ही जिताने के लिए पर्याप्त मत थे, लेकिन उसने डॉक्टर अनिल अग्रवाल को 9वें प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा दिया था। 

डॉ. अग्रवाल भी कई शिक्षण संस्थानों के संचालक और पूंजीपति हैं। उस दौरान भाजपा ने बसपा विधायक अनिल सिंह, सपा के तत्कालीन विधायक नितिन अग्रवाल, रालोद के सहेंद्र सिंह रमाला का वोट हासिल किया था। डॉ. अनिल अग्रवाल सर्वाधिक वोटों से जीते थे।

इस बार भी भाजपा ने 8वें प्रत्याशी संजय सेठ को जिताने के लिए सपा में से सेंधमारी की तैयारी शुरू की है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह समेत अन्य नेताओं को इस कार्य में लगाया गया है। सपा के कुछ विधायकों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा की शीर्ष नेताओं से भी बातचीत कराई जा सकती है।

विधायक अनुपस्थित हुए तो कम हो जाएगी न्यूनतम मतों की संख्या

निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दूबे का कहना है कि विधानसभा में सदस्य संख्या फिलहाल 399 है। उसके आधार पर एक प्रत्याशी को जीतने के लिए न्यूनतम 37 मतों का आकलन किया गया है। उनका कहना है कि जितने विधायक मतदान करेंगे उनकी कुल संख्या के आधार पर एक राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए आवश्यक न्यूनतम मतों का आकलन किया जाएगा। यदि विधायक अनुपस्थित रहते हैं तो जीत के लिए आवश्यक न्यूनतम मतों की संख्या में कमी भी हो सकती है।